(शब्द नं. - 1) सतगुर बख्श दो तुसीं बख्शनहार जी
Author -
Parveen Insan
August 07, 2023
(शब्द नं. - 1)
सतगुर बख्श दो तुसीं बख्शनहार जी
टेक:- (1) सतगुर बख्श दो तुसीं बख्शनहार जी,
साडी अर्ज सुनो दातार जी।।
(2) सतगुर शाह सतनाम जी दातार जी,
साडी सुन लई दाता पुकार जी।।
1. भरे औगुणां दे असीं प्यारे दाता जी,
सारा जीवन ही पापां च बिताता जी।
कीते बहुत ही स्वास बेकार जी, हो... साडी अर्ज...
2. कदे सोचेया ना झूठा इह जग जी,
इहदे विच रच भुल गए रब्ब जी।
फंस काल देश हो गए लाचार जी, हो... साडी अर्ज...
3. मित्र दुनिया च जिस नूं बनाया जी,
कोई तोड़ निभा नहीं पाया जी।
लई तुध बिन किसे ना सार जी, हो... साडी अर्ज...
4. दर-दर उत्ते फिरदे सी भरमदे,
धक्के चढ़ के वकील वैरी मन दे।
बड़ी ढोई असां काल वगार जी, हो... साडी अर्ज...
5. काम, क्रोध, लोभ, मोह सानूं मारेया,
फंस अहंकार विच कुछ ना विचारेया।
तुध बिन छड्डे ना इह काल परिवार जी, हो...साडी अर्ज...
6. मन माया विच सानूं उलझाया जी,
काल लुट लिया खजाना जो फड़ाया सी।
इसने कर दित्ता सानूं है कंगाल जी, हो...साडी अर्ज....
7. बाग तेरा असीं तेरी फुलवाड़ी जी,
साडी रक्षा करो बाग दे माली जी।
दो जहानां दे तुसीं रचनहार जी, हो... साडी अर्ज...
8. सदियां बिछड़ेयां नूं दाता जी हो गइयां,
देख काल के खिलौने असीं खो गइयां।
कर मेहर साडा करो छुटकार जी, हो... साडी अर्ज...
9. “शाह सतनाम जी" मालिक प्यारेया,
सानूं पापियां नूं सीने नाल ला लेया।
कीता बहुत वड्डा उपकार जी,
हो... साडी सुन लई दाता पुकार जी...
10. साडे पापियां दे कर्म उठाए जी,
दित्ता जन्म मरन है मुकाए जी।
तेरी महिमा है अपरम्पार जी,
हो... सतगुर “शाह सतनाम जी" दातार जी...
11. फर्शों चुक तुसां अर्श बिठाए जी,
कीते उपकार जाणे नहीं लाहे जी।
उजड़ी जिंदगी च छा गई बहार जी,
हो... साडी सुन लई दाता पुकार जी...
12. चरण धूड़ तेरी “दास" सी बिन नाम जी,
“मीत" तुसी बना लेया “शाह सतनाम जी"।
मुर्शिद कम्म सारे रहे ने संवार जी,
सतगुर उत्तों जाइए बलिहार जी,
हो... सतगुर “शाह सतनाम जी" दातार जी...