(शब्द नं. 20)
“शाह सतनाम जी महान, बनके
टेक:- “शाह सतनाम जी महान, बनके आए इन्सान।
आए वाली दो जहान, इस जनवरी माह में।।
1. अनामी वासी आए (हैं) आत्मा झूम झूम के गाए - 2
हमरे मालिक हमरे लिए आज धरत पे आए ।
तेरे लिए ऐ इन्सान, कराने खुद का तुझे ज्ञान, आए वाली...
2. कण कण है हर्षाया, मालिक आज धरत पे आया-2
धन धन हैं मां बाप, जिन्होंने मालिक गोद खिलाया।
जो बधाइयां देने आन, पाकर दर्श वो सुनान, आए वाली ...
3. काल के जाल में फंस के, रूहें तड़प तड़प के रोए-2
हे मालिक तूं ही हमरा , तेरे बिना ना कोए।
रूहें देख परेशान, उनको काल से बचान, आए वाली दो...
4. माया रही भरमाए रूह को, दिया मालिक भुलाए -2
मालिक के नाम पे दिया, एक - दूजे को लड़ाए।
इस झगड़े को मिटान, सब एक हो बतान, आए वाली दो...
5. मन था बना चालक , रूह को नर्कों में ले जाए - 2
ऐसा मन ने भरमाया, ये रब्ब के नाम पे खाए।
रब्ब के नाम पे धन कमान, ऐसे ठगों से बचान, आए वाली...
6. काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार इसे रहे थे लूट-2
पांचों में घिर गई आत्मा, नहीं सकती थी छूट।
फंसी देख के नादान, रूह को इनसे छुड़ान, आए वाली दो...
7. मुर्शिद किसे हैं कहते, आ के दाता जी समझाया-2
जन्मों जन्मों के पापों को, सतगुर जी दूर भगाया।
चक्कर जन्म मरन का मुकान, अपने निज मुकाम पहुंचान,
आए वाली दो...
8. “शाह सतनाम जी दाता, तेरे गुण कैसे कोई गाए-2
सूरज के प्रकाश को दाता , दीया (दीपक) कैसे बताए।
“दास पे मेहर की मेहरबान, दास को अपना “मीत बनान,
आए वाली दो...।।