(शब्द नं. 12)
जलालआणे विच अज चन्द
टेक:- जलालआणे विच अज चन्द नूरी चढ़ेया जी।
अनामी विच्चों गए खुदा आ, जी संगते,
नाम रंग रहे जी चढ़ा, जी संगते,
नूरो नूर रहे जी बना।
1. माता आसकौर जी दे अखियां दे तारे जी, आ...आ...
वरयाम सिंह पिता जी दे राज दुलारे जी।
मालिक ने धरत ते चरण टिकाके जी,
सुत्ते भाग दित्ते जी जगा, अनामी...
2. बच्चे रूप विच जो भी मालिक नूं तकदा, आ...आ...
देखदा ओह बार बार, तकदा ना थकदा।
नूरी रूह मोहना रूप झलकां है मारे जी,
रिहा नूरी जलवे दिखा, अनामी...
3. खुदा बचपन चो जवानी वल आए जी, आ...आ...
सबनूं प्रेम दित्ता, खाली ना कोई जाए जी।
दया, दान, रहम दी जी वर्षा ने करदे,
पर्दा वी रहे सन पा, अनामी...
4. "शाह मस्ताना जी" जलालआने आए जी, आ...आ...
डेरा है बनाउणा दित्ते वचन सुनाए जी।
मस्त होई मौज तदे धाम बनाया जी,
भेद दित्ता नाम “च छुपा, अनामी...
5. "शाह मस्ताना जी" ने पैड़ बताई जी, आ...आ...
खुदा की है पैड़ एह फर्क ना काई जी,
साफ दस दित्ता, पर समझ ना पाए जी,
भेद सब दित्ता जी बता, अनामी...
6. घुकियांवाली दे विच नाम जदों दित्ता जी, आ...आ...
लीडर बनाएंगे खिताब एह दित्ता सी।
हार पाके संगत दे नाल घुमाए जी,
गद्दी साथ लए जी बिठा, अनामी...
7. मौज हथ रहें नहीं नर्कों में जाएंगे, आ...आ...
बचनगे वोही जो अमल कमाएंगे,
"शाह मस्ताना जी" ने वचन सुनाए जी,
कंधां* उत्ते दित्ते जी लिखा, अनामी... *दीवारां
8. सैकड़े ही गुरू एत्थे बन बन बैठ गए, आ...आ...
बचगे ओह वचनां दा जान जो भेद गए।
"शाह सतनाम जी" नूं मन्न जिन्हां लित्ता जी,
सुख रहे हन ओह पा, अनामी...
9. सतगुरां सत्संग विच समझाया जी, आ...आ...
किस तरहां काल ने है जीव भरमाया जी।
कलियुग विच भव तरने लिए जी,
बन आए सच दे मलाह, अनामी...
10. मन माया काल हथियार बनाए जी, आ...आ...
विषयां दा चोगा पाके रूह नूं फंसाए जी।
अक्ल इल्म नाल काबू ना एह आंवदे,
दित्ता गुरां सब समझा, अनामी...
11. मानस जन्म बारे खोल के बताया जी, आ...आ...
सदियां दे बाद अनमोल एह थ्याया जी।
हीरे ने स्वास कौडी बदले ना गाल जी,
बुरे दित्ते कर्म छुड़ा, अनामी...
12. सत्संग विच सच्चा नाम जपाया जी, आ...आ...
दोनों जहां दा सुख जीवां झोली पाया जी।
सुनके वचन जिन्हां सच मन्न लेया जी,
दिन्दे उहनूं दर्श दिखा, अनामी...
13. "शाह सतनाम जी" दी सिख्या (शिक्षा) निराली जी, आ...आ...
समुद्र नूं दास किवें पावे विच प्याली जी।
"मीत" तेरे चरणां दी धूड़ मेरे दाता जी,
लेया तुसां सीने नाल ला, अनामी...।
14. जलालआणे विच अज चन्द नूरी चढ़ेया जी।
अनामी विच्चों गए खुदा आ, जी संगते,
नाम रंग रहे जी चढ़ा, जी संगते,
नूरो नूर रहे जी बना।।