(शब्द नं. 26)
आप ना मिलते सतगुर प्यारे
टेक:- आप ना मिलते, सतगुर प्यारे, हाल क्या होना था।
भटकते रहते, दुनिया भंवर में, पार क्या होना था।।
1. जगत में भटक रहे थे ऐसे, टूटी ज्यों पतंग -2
गम ही गम थे जीवन में सारे, या स्वार्थ के रंग-2
खोए हुए थे..., इस कदर जी, हमसे क्या होना था। आप...
2. दर्दे जिगर था थे गुनाही, अरमां थे चूरो चूर-2
तड़प - तड़प के मर ही जाते, होता ना गर हजूर-2
वरना हमने..., सारी जिन्दगी गमों में रोना था। आप...
3. एक राही भटक रहा था , डगर ना उसको पाए-2
तड़प रहे थे हम जगत में, कोई ना दर्द बंटाए-2
जख्मों पे नमक...,सबने छिड़का तुझ बिन ना धोना था। आप...
4. ना था अपना जिसे सुनाए , दर्द भरी दासतां - 2
हमको उड़ाए ले जा रहा था , दु:खों का कारवां-2
रूह तो हमरी..., काल हाथ का, बनना खिलौना था। आप...
5. बंजर धरती ज्यों रूखी लागे , ऐसे था जीवन हमार-2
कामी, क्रोधी थे लालची , जानत ना थे प्यार - 2
नजरे कर्म ना..., होता दाता, सूलों पे सोना था। आप...
6. पानी बिन ज्यों मछली को कोई, कांटों पे तड़पाए-2
प्रभु के नाम पे ऐसे बेदर्दी, रूह को रहे थे तड़पाए- 2
उनमें फंस के..., रूह का दाता, हाल घिनौना था। आप...
7. जब से तेरे प्रेम को पाया, अजब मिला करार - 2
पल की जुदाई का गर सोचें, दिल पे चले कटार-2
दूर तेरे से..., जब थे दाता, खंजर बिछौना था। आप...
8. “शाह सतनाम जी सीने लगाया, दास तो था अनभोल- 2
रहमत से तूने खाक का दाता, बहुत बढ़ाया मोल-2
“मीत बनाया..., आपने दाता, वरना क्या होना था। आप...।।