(शब्द नं. 10)
आई, आई जी 25 जनवरी
टेक :- आई आई जी-2, 25 जनवरी प्यारी प्यारी-2 ।
मालिक लाई जी कर्मों ये वाली-2।।
"शाह सतनाम जी"-2 आए जी आज प्यारे-2।
रूहों के आए जी, आज वणजारे-2।।
1. आज के दिन हुई जग रोशनाई।
कण कण गूंज उठी शहनाई।
शाह सतनाम जी आज पधारे।
धरत पे आए जग सिरजनहारे,
धरत पे आए जग सिरजनहारे। "शाह सतनाम जी" ...
2. तड़पती रूहों की पुकार सुनी दाता।
हमको बचाओ हमरे विधि-विधाता।
काल सताए, हमें ऐ रब्ब।
हमको बचाने दाता आओगे (तुम) कब,
हमको बचाने दाता, आओगे तुम कब। आई-2 ...
3. धन धन मात पिता जिन जाए*। *जन्म दिया
धन वो धरती जहां चरण टिकाए।
धन "मस्ताना जी", जिन्हो बताया।
शाह सतनाम जी का सारा भेद बताया।
शाह सतनाम जी का सारा भेद बताया। आई-2...
4. "शाह मस्ताना जी" संगत को बताया।
रूह से मालिक "शाह सतनाम जी" बनाया।
बात समझाई बताई सबको दाता।
इनसे ही रखना तुम सच्चा नाता,
माने ना वो नर्कों में जाता। आई-2...
5. मन-माया का काल, जाल बनाया।
विषयों का चोगा पा रूह को फंसाया।
रूह चिल्लाई इसमें फंस के।
बच नहीं सकते, खुदा बिन दर्श के,
बच नहीं सकते, रब्बा बिन दर्श के।
"शाह सतनाम जी"...
6. इक दूजे से सब, झगड़ रहे थे।
इन्सानियत को ना समझ रहे थे।
मन-मत का कोई, फायदा उठाए।
इक दूजे को रब्ब के नाम पे लड़ाए।
इक दूजे को रब्ब के नाम पे लड़ाए। आई-2...
7. रब्ब के नाम पे ठग्गी मचाएं।
करके पाखण्ड हैं धन कमाएं।
रब्ब का नाम सुनाए पा के वल* जी। *घुमा फिरा के
नोट इक्ट्ठे कर पड़ते हैं चल जी,
नोट इक्ट्ठे कर पड़ते हैं चल जी। आई-2...
8. सत्संग बिना ना समझ जी आए।
गुरू बिना ना कोई सच बताए।
"शाह सतनाम जी" सच बताया।
समझे वो जो संगत में आया, (समझे वो जो संगत में आया),
वचनों पे जिसने अमल कमाया। "शाह सतनाम जी"...
9. मुर्शिद जी के गुण लिखे ना जाएं।
रोम रोम जुबां हो तो भी ना गा पाएं।
दासन दास को "मीत" बनाया।
किए उपकार दाता, जाए ना गाया,
किए उपकार दाता, जाए ना गाया। "शाह सतनाम जी"...।।