(शब्द नं. 24)
सतगुर प्यारे, का जन्म दिहाड़ा
टेक:- सतगुर प्यारे , का जन्म दिहाड़ा,
जनवरी माह में, लिया अवतार जी,
आए रूहों, का करने उद्धार जी।।
1. जलालआणे की देखो शान निराली, करें सभी प्रणाम जी।
माता - पिता का कोई देन क्या दे सके,
जिनके आए खुदा महान जी । ।
सतगुर प्यारे-2, चोज न्यारे, किया है छुटकारे, सतगुर प्यारे...
2. “शाह मस्ताना जी को लख-लख सजदा,
जिन्होंने बताए भगवान जी ।
अपने आप कोई कैसे पा सकता, करता कैसे पहचान जी।
सतगुर दाता-2, विधि विधाता, सच्चा जिसका नाता, सतगुर...
3. रूहों की तड़प देख मालिक ने सोचा,
करें इनका छुटकार जी ।
काल के देश में चोला धार के, ले लिया अवतार जी।
अनामी वासी-2, काटे चौरासी, करें उपकारे, सतगुर प्यारे...
4. देखने के रूप बन्दे का लगता, हैं खुद सिरजनहार जी।
दोनों जहां के हैं मालिक दाता, करवाने आए भव पार जी।
देख प्यारे-2, गुरु हमारे, सबको हैं समझाए, सतगुर प्यारे...
5. सब परेशानियों से हमको बचाया, करके रहमत अपार जी।
भीड़ बने यहां दर्श दिखाया, किए बड़े उपकार जी।
दाता प्यारे-2, तोड़े ताले, किया हमें आजाद, सतगुर प्यारे...
6. ना समझ थे ना समझ थी कोई, अज्ञानता का प्रचार था।
सतगुर बिना ना कोई समझ थी आई, रूह पक्षी लाचार था।
सतगुर प्यारे-2, वचन उचारे, सच दिया समझा जी, सतगुर...
7. “शाह सतनाम जी की रहमत से ही, खुलता दसवां द्वार जी।
आप ही दर्शन देके सतगुर जी, कर देते हैं उद्धार जी।
“दासन दास-2, कैसे सुनात, किया जो उपकारे, सतगुर ...।।